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दरिंदो के लिए क्या सिर्फ सजा ए मौत काफी हैं ? -Jagran junction Forum

मेरी कहानियां
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दिल में रोष तो बहुत होता हैं उन आतंकियों के लिए जिन्होंने बेवजह हमारी धरती को लहुलुहान किया हरबार निरपराध लोगों की जान से खिलवाड़ किया l लेकिन इतना सब आँखों के सामने सबकुछ घटित होने पर भी बहशी दरिंदो को कोई सजा नहीं मिल रही हैं, ऊपर से सरकार उन कैदियों के देखभाल में वर्षो से लाखों-करोड़ो रूपये खर्च करके एक प्रकार उन्हें पनाह ही दे रही हैं l मैं यह नहीं जानती सरकार की क्या मज़बूरी हैं ? उन्हें क्यों पनाह देने पर मजबूर हैं हमारे नेता l यह तो सभी जानते हैं की हमारे देश में नित नए-नए कानून बनते रहते हैं परन्तु उस कानून का क्या जिसमें फैसले करने वर्षो लग जाए l जिसका फायदा ये आतंकी बखूबी उठा रही हैं l जिसका जीता जागता उदाहरण कसाब और अफजल गुरु जैसे खूंखार आतंकी हैं जो गिरफ्तारी तो कर लिए गए हैं परन्तु फैसले में अनिश्चितता फलस्वरूप देश की जनता का पैसा यु ही बर्बाद हो रहा हैं l इन आतंकियों के लिए सजा ए मौत कितना प्रसांगिक हैं ? इसके जवाब में मैं बस इतना ही कहना चाहती हूँ क्या ऐसी बहशी दरिंदो के लिए सजा ए मौत काफी हैं ? नहीं उन दरिंदो के लिए इतनी सहज मौत काफी नहीं होगी l उसे तो ऐसी सजा दी जानी चाहिए जो जीते जी हरपल यह अहसास करे की मैंने जो अमानवीय कर्म किया हैं वह गलत था l उस सजा से उसका दिल काप उठे l न कारावास दंड न ही फांसी ,ये सजा तो उनलोगों के लिए आसान मौत होगी l इसीलिए इन दरिन्दे आतंकियों के लिए ऐसी कठोर सजा मुहैया कराया जाना चाहिए जिससे की उसका खुद का दिल दहल जाए मांगे मौत पर नसीब न हो और हरपल वह पश्चाताप की अग्नि में जले की मैंने गलत किया हैं l वह भी यह दर्द महसूस कर सके जो उसने उन मासूमों को दी हैं जिसके वे हक़दार थे ही नहीं l क्या इन आतंकियों के लिए कभी ऐसा कानून बनेगा??? या फिर उन्हें पनाह देकर देश के हित में खर्च होने वाले बृहद रूपये यूँ ही बर्बाद होते रहेंगे ,न सजा ,न फांसी सिर्फ तारीख पे तारीख खींचता केस !!!!!!!!!!!!!!

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