एक शराबी को मैं क्यों शक्तिहीन बता रही हूँ? शायद आप सबको आश्चर्य लग रहा होगा l जब एक व्यक्ति बुरी तरह शराब के आगोश समाने लगता हैं तब उस व्यक्ति की एटीटयुड में भी बदलाव आने लगता हैं l अब शराब से एटीट्युड का क्या मतलब ! आप सोच रहे होंगे हैं न ! चलिए एक कहानी के जरिये समझने की कोशिश करते हैं …………….. काफी साल पहले यह कहानी पढ़ी थी ‘द इम्प एंड द पिजेंस ब्रेड’ (कहानी थोड़ी-थोड़ी याद हैं ) उस कहानी में एक गरीब किसान होता हैं जो कि अपना गुजारा वह खेती करके किसी सूरत करता हैं l गरीब होने के बावजूद वह खुश था l मगर एकदिन उसके जीवन में एक शैतान आता हैं l जो उसे शराब पेश करता हैं l किसान मना करता हैं परन्तु शैतान के आगे उसका एक नहीं चलता l वह सोचता हैं कुछ नहीं होगा l मगर धीरे-धीरे उस किसान के अन्दर व्यवहारिक परिवर्तन आने लगता हैं l और एक दिन वह पूरी तरह शराब के गिरफ्त में होता हैं l एक दिन गलती से उसके पत्नी के हाथों शराब की बोतल टूट जाती हैं तो वह आगबबुला होकर पत्नी से लड़ाई और मारपीट करता हैं l उसकी सोचने समझने की शक्ति नहीं रह जाता l चाहकर भी वह शक्तिहीन होते चला जाता हैं और अंत में सबकुछ गवां बैठता हैं l जी हाँ मित्रो , शौक से शुरू होता शराब का नशा मानवीय शरीर में ऐसा जहर घोल देता हैं जो न सिर्फ शराबी को बीमार बना देता हैं बल्कि उसके परिवार भी बीमार होने को मजबूर कर देते हैं l परिवार के लोग आखिर बीमार क्यों ? क्योंकि शराबी व्यक्ति का प्रभाव न सिर्फ अपने घर वल्कि आसपास के ३६ लोगों पर भी पड़ता हैं l सबसे अधिक प्रभावित पत्नी और बच्चे होते हैं l शराबी व्यक्ति आम व्यक्ति जैसे नहीं होते उसकी सोच का पेटर्न बिलकुल अलग होता हैं l जिनके साथ ताल मेल बिठाना पहले तो मुश्किल होता हैं l परन्तु कुछ बदलाव ,कोशिश से शराबी का जीवन सुधर सकता हैं बशर्ते कि परिवार वालों का साथ और स्वयं शराबी व्यक्ति के अन्दर की इच्छा शक्ति से आगे का जीवन शराब से दूर रहकर सामान्य जीवन जी सकता हैं l
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