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कहाँ खोज पाओगे ? (कविता )

मेरी कहानियां
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इंसान

सीने में
जंजाल ओड़कर
मनको
अशांत कर
तुम
कहाँ खोज पाओगे
आराम?
गर ढूढ़नी हैं
शांति तो
अपने अंतरात्मा में
खोजो
कही तुम्हारा अहम्
पथ को
अवरोध तो
नहीं कर रही ?
भूल से
सीख
क्षमा याचना पर
दया
यही तो हैं
वह सूत्र
जो इंसान को
इंसान बनाती हैं l

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