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एक बच्चे के लिए जिस तरह माँ की भूमिका अहम् होती हैं ठीक वैसे ही पिता का भी होता हैं l दोनों की सहायता बच्चों के लिए जरुरी हैं l आज सुबह से ही मुझे अपने पिता की बहुत याद आ रही थी (वैसे मेरे दिल में उनकी यादे हमेशा ताजी रहती हैं , पिता की लाडली जो रही हूँ ) l उनके गुजरे सत्रह साल हो चुके हैं l मगर ऐसा कोई भी दिन नहीं होगा उन्हें मैंने याद न किया हो l सच तो यह हैं की मेरा बचपन अत्यधिक पिता के साथ ही गुजरा था l इसलिए उनके साथ मेरी घनिष्टता कुछ ज्यादा ही थी l हमारे पिता फौजी थे और उसवक्त उनकी पोस्टिंग नागालैंड में हुई थी l पढाई के लिए वे मुझे अपने साथ लेकर गए थे l मुझे आज भी याद हैं वे मेरी छोटी सी छोटी जरूरतों को कैसे पूरा कर देते थे l मेरे लिए तरह-तरह के स्वेटर स्वयं बुनकर पहनाते थे , मुझे सबकुछ याद आ रहा हैं l उनसे लडियाना , स्नेह पाना ,हरवक्त हमारा ख्याल रखना ,मुझे कुछ हो जाता तो वे घबडा जाते थे बच्ची को जरा भी कष्ट न हो l उनके साथ बिताए सुनहरे पलो की यादे मेरे दिल में परत दर परत कैद हैं पर इस वक्त पता नहीं क्यों मैं शेयर नहीं कर पा रही हूँ l मुझे उनकी बहुत याद आ रही हैं इसलिए मैंने अपने मन भाव को व्यक्त करने के लिए पितातुल्य श्री शाही जी को रिंग किया उनसे बाते करके सुकून महसूस करती हूँ आप सभी जानते हैं की वे मंच पर पिता की तरह हम सभी को स्नेह आशीर्वाद ,मार्गदर्शन करते हुए आ रहे हैं अनायास उनकी याद आना स्वाभाविक था l आज भी मुझे आपकी कमी बहुत खलती हैं ……….पिताजी .l ” आप से ही मैंने जीवन जीना सिखा हैं l आज भी आपका ख़त पढ़ती हूँ तो अनायास आँखों में पानी आ जाता हैं l इतने प्यार करने वाले पिता आज हमारे बीच नहीं हैं पर वह हर बाते जो उन्होंने सिखाया था सबसे प्यार करना वह नहीं भूल पाए हैं l फादर्स डे पर आप सभी पिताओ को मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनाये l
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