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मुझे खून दो मैं जीना चाहता हूँ …………………..

मेरी कहानियां
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Babu Lal chettriमुझे खून दो मैं जीना चाहता हूँ …………………..

नाम बाबूलाल क्षेत्री , उम्र ६ साल, पिता प्रवीण छेत्री तेजपुर के एक होटल में माली का काम कर के रोज ७५ रुपये अपने घर ले कर जाता है जिससे अपने परिवार का पालन करता है जिसके घर का चिराग हैं बाबूलाल क्षेत्री जो पिछले ५ सालो से थेलासमिया बीमारी से पीड़ित हैं जिसे जिन्दा रखने के लिए हर महीने खून चढ़ाना पड़ता हैं l
चिंतित कमजोर पिता मुझसे मिलने आया था मन में कुछ उम्मीद और कुछ आशाएं लेकर l मदद की गुहार लगाने l
” माफ़ कीजियेगा मैंने आपको पहचाना नहीं l ” मेरे प्रश्न के जवाब में अपना परिचय देते हुए वे बोले ,
” जी, मुझे नथमल जी ने भेजा हैं l ” (नथमल जी यहाँ के एक वरिष्ट पत्रकार हैं )
” जी कहिये कैसे आना हुआ ?” मेरे प्रश्न के जवाव में उन्होंने अति दयनीय होकर आशा तथा संकोच के साथ कहा l मेरे बेटे की इलाज के लिए आर्थिक मदद हेतु अखबार में कुछ लिख दीजिये न ! बस इतनी सी विनती थी l फिर उन्होंने मुझे अपने बेटे के सभी मेडिकल कागजात दिखाया, लोकल असमिया समाचार पत्र, नेपाली दैनिक जिनमे बाबूलाल के लिए मदद की गुहार लगाई गई थी l चर्चित टी.वी. चेनल ” न्यूज़ लाइफ ” ने भी इस कहानी को दिखाया था मगर इससे कोई खास मदद अभी तक नहीं मिली हैं l समझ में नहीं आता लोग किसी अच्छे कार्य के लिए हमेशा पीछे क्यों रह जाते हैं मगर बेमतलब की बाते जल्दी फ़ैल जाती हैं l खैर इन पांच सालो में यहाँ के एस. पी. से लेकर कई भले व्यक्तियों ने खून दान देकर बाबूलाल को जीवन दिया हैं l स्थानीय कनकलता सिविल हॉस्पिटल में हर महीने बाबूलाल को खून चढ़ाया जाता हैं l उसका ब्लड ग्रुप बी पोजिटिव हैं l नन्हा बाबूलाल जब ढाई महीने का था तब उसे सीवियर मलेरिया हुआ था l इलाज से ठीक हो गया था परन्तु ९ महीने के होते-होते उसे फिर मलेरिया ने जकड लिया l इसबार खून जांच करने पर खून की कमी दिखाई दि तो .डॉ. ने खून जाँच के लिए दिल्ली भेज दिया, वहा से रिपोर्ट आई की बच्चा थेलासमिया रोग से ग्रस्त हैं l एक गरीब पिता अपने बच्चे को जिंदगी देने के लिए यहाँ -वहां सहायता की गुहार लगा रहा हैं ,सरकारी मदद के लिए भी प्रयत्न शील हैं , मगर कोई खास मदद अब तक सामने नहीं आया हैं I
अभी उसने जीवन जीने की शुरुआत मात्र की थी कि इस भयानक बीमारी की चपेट में वह आ गया l जिस उम्र में आम बच्चे खेलते कुद्द्ते बड़े होते हैं , उस उम्र में वह बच्चा थेलासमिया रोग से जूझ रहा हैं l जाते -जाते उस पिता से मैंने कहा – ” आप चिंता न करे , मैं कोशिश करके देखती हूँ बाबूलाल के लिए क्या कर सकती हूँ l ” मेरे आश्वाशन से उस लाचार पिता के चेहरे पर मैंने एक राहत देखी थी l उन्होंने मुझ पर भरोसा किया था l बाबु से मेरी सहानुभूति शायद इसलिए भी है क्योंकि मैं स्वयं एक भयंकर बीमारी (कैंसर ) से गुजर चुकी हूँ l प्रवीन जैसे एक गरीब पिता के लिए बैंक में अकाउंट खोलना सपने जैसा हैं मगर स्थानीय लोगो के मदद से बाबूलाल के इलाज के लिए आर्थिक मदद हेतु पिता प्रवीन छेत्री ने हाल ही में “यूनाइटेड बैंक ऑफ़ इंडिया ” में अपने नाम पर एक बैंक अकाउंट खोला हैं l जिसका अकाउंट नंबर हैं ००१००१०३४४५६२ .बाबूलाल की जिंदगी के लिए मैं इस लेख के जरिये सभी ब्लोगर मित्रो से अपील करती हूँ की मानवता के खातिर एक गरीब पिता के एकमात्र संतान के जीवन बचाने हेतु यदि संभव हुआ तो कृपया करके इस बच्चे की जिंदगी के खातिर कुछ मदद का हाथ आगे बढाए ,चाहे वह आर्थिक रूप से हो ,खून देकर या फिर ऐसे एन.जी .ओ के बारे में जानकारी देकर ताकि समय रहते उस बच्चे का इलाज संभव हो सके l और इस तरह वह मासूम एक बार फिर आम बच्चो की तरह जिए , मुस्कुराये ………………..

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