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शहीद

मेरी कहानियां
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शहीद

युग-युग तक तुम
रहोगे चिरस्मरणीय
हे परम वीर
भारत के शहीदों !

राष्ट्र को अंग्रेजो की दास्ताँ से
आजाद कराने में
तुमने दिया बलिदान अपना
बंधन में जकड़ी
भारत माँ को स्वतंत्र कराने की
तुमने कसमे खाई

दिल में मकसद था तुम्हारा
हर हाल में भारत माँ को
मुक्त कराना ,
गुलामी की जंजीरों को तोड़
आजादी की जंगी सिपाही बनके
तुमने धारण किया गोली अपने सीने में

हर मजहब के भारतवासी
आपस में बनकर एक
कुद पड़े थे
आजादी की मैदाने जंग में ,
जिसने कभी नहीं की परवाह फांसी की
धुन थी तो सिर्फ आजादी की

साहसी मंगल पांडे थे
आजादी के पहले सिपाही
जिसने अंग्रेजों के खिलाफ
उठाई थी पहली आवाज
मातृ -भक्त का परिचय देकर
सहर्ष फ़ासी को गले लगाया था जिसने

खुदीराम बोस और चन्द्र शेखर आजाद भी ,
थे दोनों जंगे सिपाही
फिरंगियों को ललकार कर
उठ खड़े हुए थे जंग में
जहां लड़ते-लड़ते आखिर
बन गए देश का शहीद l

नाज है भारत माँ को
उन शहीदों पर
जिन्होंने खुद को मिटाकर
देश को स्वतंत्र बनाया ,
ऐसे वीर सपूतो को मेरा
कोटि-कोटि प्रणाम !

आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाये….

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