हिंदी ब्लॉगिंग ‘हिंग्लिश’ स्वरूप को अपना रही है। क्या यह हिंदी के वास्तविक रंग-ढंग को बिगाड़ेगा या इससे हिंदी को व्यापक स्वीकार्यता मिलेगी-contest
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हिंदी ब्लॉगिंग ‘हिंग्लिश’ स्वरूप को अपना रही है। क्या यह हिंदी के वास्तविक रंग-ढंग को बिगाड़ेगा या इससे हिंदी को व्यापक स्वीकार्यता मिलेगी?
मुझे नहीं लगता की हिंदी ब्लोगिंग में हिंगलिश स्वरुप हिंदी की वास्तविक रंग-ढंग को बिगड़कर रख देगा l क्योंकि जितना सरल हिंगलिश के जरिये अपनी भावना व्यक्त करने में कम समय लगता हैं उतना हिंदी में टाइपिंग करने में ज्यादा वक्त लेगा l हिंद्ग्लिश लिखने के लिए किसी खास ट्रेनिंग की भी जरुरत भी नहीं पड़ती l नए से नए कोई भी झट से इसका नियम जान सकता हैं जबकि हिंदी टाइपिंग के लिए बाकायदा ट्रेनिंग और अभ्यास की जरुरत पड़ती हैं l २०१० में जब मैंने ब्लोगिंग शुरू की थी तो हिंगलिश में टाइप करते देवनागरी में तुरंत परिवर्तित होता देख बड़ी ख़ुशी हुई थी l हालाँकि हिंदी टाइपिंग द्वारा भी लिख सकते हैं l इसमें कोई दो राइ नहीं , पर मुझे नहीं लगता की हिंगलिश व्यवहार से इसका वास्तविक रंग-ढंग बिगड़ेगा l वल्कि मैं समझती हूँ की इसकी व्यापकता से हिंदी को और भी स्वीकार किया जाएगा l वैसे भी नई तकनीक को अपनाना मैं गलत नहीं समझती जहाँ कोई समस्या न हो वल्कि समाधान से भरा हो l बस अच्छी सोच की तरह इसे अपनाकर हम आखिर में हिंदी की ही तो सेवा कर रहे होते हैं l चाहे माध्यम कोई हो पर उद्देश्य तो एक ही हैं न l तो चलिए खूब जमके लिखते हैं हिंगलिश स्टाइल में शुद्ध हिंदी l l आप सभी मित्रो को “हिंदी दिवस “की हार्दिक शुभकमनाए ……………….
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